जीवन का क्रम मेघाच्छादित नील-गगन गरजते मेघ और तड़कती विद्युत भी आकाश के अस्तित्व और अस्मिता को नष्ट नहीं कर पाते, वायु का प्रवाह छिन्न-भिन्न कर देता है मेघों को, आकाश वहीं रहता है लुप्त हो जाते हैं मेघ। ऐसा कोई जीवन नहीं जिसने झेली न हों कठिनाइयाँ और परेशानियाँ, ऐसा कोई धर्म नहीं जिस पर न हुआ हो प्रहार, जीवन और धर्म दोनों अटल हैं। मानव रखता है सकारात्मक और नकारात्मक दृष्टिकोण, सकारात्मक व्यक्तित्व कठिनाइयों से संघर्ष कर चिन्तन और मनन करके कठिनाइयों को पराजित कर जीवन को सफल करता है नकारात्मक व्यक्तित्व पलायन करता है समाप्त हो