मैं उजाला को गौर से देख रही थी। अपने नाम की तरह शांत और आकर्षक चेहरे वाली वो बेहद खूबसूरत लड़की थी। पिछले सात-आठ महीने पहले उसने मेरे पार्लर में काम पकड़ा था। उसे सिखाने में मुझे मुश्किल से ढाई महीने लगे थे, पर अब वो कुशलता से सब कुछ करने लगी थी। मेरे सारे कस्टमर उससे बहुत खुश रहते थे। वो जब सबसे अपनी मधुर मुस्कान से बात करती, मेकअप करती तो सब उसके सुन्दर चेहरे को देखने लगते थे। अभी वो एक लड़की का फेशियल कर रही थी। उसके हाथ तेजी से कस्टमर के चेहरे पर इधर-उधर फिसल