पाटिल नगर में एक व्यापारी रहता था। उसकी किराना माल और मिठाई की दुकान थी। स्वभाव से वह बड़ा ही धूर्त और शातिर था। उसके पास कोई नौकर अधिक दिनों तक टिकता नहीं था। या यूँ कहें कि वह टिकने ही नहीं देता था। नौकरी पर रखते समय वह अधिक पगार देने का लालच देता पर जब पगार देने का समय आता, तो बड़ी चतुराई से वह उनके खून पसीने की कमाई हड़प लेता था। नौकरी पर रखने के साथ ही वह यह शर्त भी रखता था कि यदि किसी दिन वह काम पूरा नहीं कर सका तो, उसकी पूरे