किताबे पढना बहत पसन्द है मुझे और साथ ही लीखने में रूची रखती हुं । उस दिन भी कुछ यैसे किताब लेकर बैठ गयी थी । पता नहीं कब मेरी आखं लगगयी पर उसके बाद जो हुआ बहत अच्छा हुआ । में सरमा गयी थी जब वो मेरी हात पकडा और मुझे गले से लगाया । तभी अचानक पापा के बुलाने की आवाज आई तो पेहले में ध्यान नहीं दिया । फिर थोडी देर बाद जब दुबारा बुलाये तो मेरा सपना टुट गयी । खडी हो कर देखी तो पापा