अध्याय छहग्रीन कॉन्क्लेव लड़की की जुबानीमेरे अन्दर डर का एक अजीब सा माहौल था, एक कोतूहल था, और मेरे हाथ कपकपा रहे थे, ना जाने मेरे भाग्य में क्या लिखा हुआ था, मै अपनी सुंदरी को चला रही थी, हा मेरी स्कूटर जिसका हिंदी नाम सुंदरी था और अंग्रेज़ी में मै इसे डीवा बुलाया करती थी, यह स्कूटर मेरी मा की थी, अब वो इस दुनिया में नहीं रही, मेरी मा और मेरी नानी , इन दोनों के ही साथ मै रहा करती थी , जब मै बेहद छोटी थी पर नानी को जब मेरी मा के नाजायज औलाद के बारे