अर्पिता वहीं खड़ी रह जाती है तो प्रशान्त जी उसके थोड़ा पास आकर कहते हैं सही ही कहा था मैंने,तुम्हारे दुपट्टे को मेरा साथ पसंद आ गया है।।अर्पिता कुछ नही कहती है बस लज्जा से नीचे गढ़ी जा रही है।वहीं प्रशांत जी आगे आकर अपना हाथ उसके सामने कर देते हैं तो अर्पिता जल्दी जल्दी उसे निकालती है और वहां से जाने लगती है।उसे जाता देख प्रशान्त जी कहते है अप्पू सुनो...आवाज सुन कर वो रुक जाती है और प्रशान्त के बोलने का इंतजार करने लगती है। प्रशांत कुछ कदम आगे आते हैं और अर्पिता के सामने जा कर कहते