प्रभु जी (व्यंग्य)

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प्रभु जी ..... बहुत दिनों से देख रहे हैं कि आप कितने महान है । आपकी महानता के चर्चे दूर-दूर तक है । आप तो वो पारस है जो लोहे को भी छू ले तो सोना बना दे । आपकी महानता के कारण ही अनेंक लोग आपके आस-पास भिनभिनाते रहते है । कुछ लोग तो ऐसे है जो केवल और केवल आपके नाम के सहारे ही समाज में प्रतिष्ठित है । ऐसे लोगों की प्रतिष्ठा वास्तव में उनकी नहीं है ये तो प्रभु आप और आपका नाम है जो उन्हें प्रतिष्ठित बनाए हुए है । प्रभु आपकी प्रभुताई के