व्यक्तित्व और कृतित्व के धनी-श्री रमाशंकर राय -एक चिंतन दृष्टि- वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’ कविताः-‘‘मैं जिंदगी का व्याकरण हूं के सृजनकार श्री रमाशंकर राय जी ने अपनी कृति- कविता की ओर कुछ कदम-के सृजन से उत्तर प्रदेष की पावन भूमि रेवतीपुर-गाजीपुर की सौंधी-सौंधी गंध को यत्र-तत्र-सर्वत्र,बड़ी सादगी से बिखेरा है। अपनी इस मातृभूमि के ऋण को भली भांति चुकाया है। आपकी उच्च शिक्षा-दीक्षा काशी हिन्दू विष्वविद्यालय बनारस की बानगी लिए जीवन भर गर्वित रही। आपने मध्यप्रदेश-ग्वालियर-डबरा में जनता उच्चतर माध्यमिक विघालय के प्राचार्य पद को भी सुषोभित किया। आपके सम्पूर्ण जीवन में पिता श्री राम सिंहासन राय