मोहब्बत हो गयी है तुम्हें - (भाग 8)

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अच्छा हानिया बाजी मै चलती हुं अब आंटी जी तो सो रही हैं उनकी चाय नही बनाई मैने , हानिया को शाम की चाय का कप थमाने के बाद किरन ने घड़ी की तरफ देखते हुए कहा जो कि 6:10 वक़्त दिखा रही थी.. हां जब वो उठेंगी तो मै खुद बना दूंगी अच्छा मै ये सोच रही थी कि कल तो संडे है तुम चाहो तो ना आओ कल क्योंकि मै घर पर ही रहुंगी कापियां वगैरह भी चेक करनी है बच्चों की तो तुम कल नही भी आओगी तो कोई बात नहीं.. अच्छा बाजी अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़