ये उन दिनों की बात है - 10

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चूँकि आज संडे था तो मम्मी के साथ मैं और नैना भी मार्किट के लिए निकल गए थे और वापस आते समय हम गोविन्द देव जी मंदिर होते हुए आ रहे थे| दिव्या की मम्मी !!! ओ दिव्या की मम्मी !!!! जल्दी चलिए | शीला बहन, इतनी जल्दबाजी में कहाँ से आ रही हो? ये थी शीला आंटी, जिन्हें उस ज़माने की गूगल सर्च इंजन कहें तो कोई अतिशोयक्ति नहीं होगी, क्योंकि उनके पास सबकी खबरें हुआ करती थी | मसलन छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी हर बात उन्हें पता होती थी | मसलन काजल की मम्मी ने नया सोने