छंटनी

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तनु चकित रह गई । कार्यालय को पूरी तरह सुनसान देख उसे अजीब सा लगा। बिस्मय के कारण भोंहों के ऊपर माथे पर उभर आई सिकुड़नों को छिपाने का प्रयास करते हुए उसने रुककर अपने बॉस के कमरे की तरफ एक क्षण को ताका फिर तेज गति से उधर ही बढ़ गई । वह कमरा भी बाकी दफ्तर की तरह सूना था । रात को यहां रहने वाला चौकीदार बॉस के कमरे की हर चीज को साफ पोंछ के चमका गया था। सामने की उनकी सूनी कुर्सी, खाली टेबिल को घूरते हुए जब उसकी नजर एक तरफ रखे कंप्युटर पर