तुम्हारे दिल में मैं हूं? - 14

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अध्याय 14 आकाश में चंद्रमा दिख रहा था। आकाश में नवरत्नों को बिखेर दिया हो ऐसे नक्षत्र चमक रहे थे। पेड़ के नीचे खटिए पर मोती लेटा था। ‘उन्होंने मुझे चाहा होगा पर मैंने कसम से उन्हें नहीं चाहा। देवी के मंदिर में गीता की शादी को रोकने के लिए पुलिस के साथ जब गया तब गीता ने जो बातें बोली उसे मैं भूल नहीं पा रहा ।’ उन्होंने मुझे चाहा होगा। परंतु कसम से मैंने उन्हें नहीं चाहा। उसके मन के अंदर यही बात बार-बार गूंज रही थी । चाकू से वार किया जैसे दर्द हो रहा था। इस