रहस्यमयी टापू....!!--भाग(१८) घगअनंग जी के निवास स्थान पर सभी रात्रि को विश्राम करने लगें, तब घग अनंग जी बोले_____ मैं अब आप सब को शंखनाद के सभी रहस्यों से अवगत करवाता हूँ!! जी,हम सब यही ज्ञात करना चाहते थे,आपका बहुत बहुत आभार रहेगा हम सब पर क्योंकि वनदेवी शाकंभरी की स्थिति बहुत ही दयनीय थी,जितने शीघ्र हमें शंखनाद के रहस्य ज्ञात होगें, उतने ही शीघ्रता से हम उनकी सहायता कर पाएंगे एवं हम जितने भी सदस्य हैं उनमें से सभी को शंखनाद ने कष्ट पहुँचाया हैं,अघोरनाथ जी बोले।। जी,अब उस शंखनाद की मृत्यु निश्चित हैं, जो रहस्य मुझे