360 डिग्री वाला प्रेम - 25

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२५. कुछ दुविधा… कुछ सच आरव के यूँ तो मार्क्स आरिणी से थोड़ा बेहतर थे. कुल स्कोर में उसका परसेंटेज आरिणी से ऊपर था, पर वह व्यवहारिक रूप से उसके सामने कहीं नहीं टिक पाता था. ख़ास तौर से किसी इंटरव्यू या प्रेजेंटेशन में. प्रेजेंटेशन के मामले में तो आरिणी ने स्वयं देखा था. वह पहले इस बात को नार्मल समझ रही थी. उसने आरम्भ से ही प्रोजेक्ट वर्क के प्रस्तुतिकरण में लीड लेने से साफ़ मना कर दिया था. अब उसे याद आ रहा है कि यह बात भी उसके किसी मनोविकार या दिमाग में बैठी किसी गम्भीर बात