१४. बात यूँ ही बनती हैं आज आरिणी को आरव के घर जाना था. उर्मिला कल शाम और फिर आज सवेरे ही कॉल करके याद दिला चुकी थी. वर्तिका की भी एक मिस्ड कॉल पडी थी जब वह बाथरूम में थी. आकर उसे फोन मिलाया तो वह भी जल्दी आने का अनुरोध कर रही थी. हाँ, आरव की कोई कॉल नहीं आई थी. पर यह कोई आश्चर्यजनक भी नहीं था. उसका व्यवहार कभी भी यू टर्न लेता था, और वह सिर्फ अपने काम में ही शिद्दत से खोता था. आरिणी को उसकी इस बात का बिलकुल भी बुरा नहीं लगता,