असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 22

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22 कभी जहॉं पर कल्लू मोची का ठीया था और सामने हलवाई की दुकान थी ठीक उस दुकान की जगह पर कुछ अतिक्रमण करके कल्लू मोची के नेता पुत्र ने एक छोटा ष्शापिंग मॉल बनाकर फटा फट बेच दिया । नगर पालिका सरकार,शहरी विकास विभाग,जिलाधीश,क्षेत्र के पटवारी,तहसीलदार,थनेदार,बी. डी. ओ.,आदि टापते रह गये ं आंखे बन्द कर के बैठे रहे । कौन क्या कहता । कौन सुनता । जिसकी जमीन थी उसे खरीद लिया गया । काम्पलेक्स में एक ष्शोरूम अताः फरमाया गया । सब जल्दी से ठीक -ठाक निपट गया । कल्लू का ठीया वैसा ही सड़क के इस पार