अपने-अपने कारागृह - 21

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अपने-अपने कारागृह-21 अपने खालीपन को भरने के लिए अजय ने एक एन.जी.ओ. ज्वाइन कर लिया। एन.जी.ओ. के सदस्य एक गांव को गोद लेकर वहां स्वच्छता अभियान के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति भी गांव के लोगों में जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर रहे थे । लोगों की अज्ञानता तथा असहयोग के कारण कार्य दुरुह अवश्य था पर मन में चाह हो,दुरूह को सरल बना देने की कामना हो, वहां सफलता अवश्य मिलती है । अपने प्रयास को सफलता प्रदान करने के लिए अजय और उनकी टीम के सदस्य सुबह ही निकल जाते थे तथा शाम तक ही घर लौटते