10 ‘तुम नेतागिरी तो छांट़ो मत। काम कराना हो तो पचास का नोट इधर करो।’ और तीन बजे आकर मृत्यु प्रमाण पत्र ले जाओ।’ कल्लू ने अपने मृत पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र उसी रोज तीन बजे पचास रूपये मंे प्राप्त कर लिया। सरकार कभी भी छुट्टी पर नहीं रहती और यदि सुविधा शुल्क हो तो अफसर भी लपकर कर कागज निकाल देते है। कल्लू जब प्रमाण पत्र लेकर वापस आया तो जबरा कुत्ता वहां पर एक टांग ऊंची करके पेशाब की धार मार रहा था। शाम को ठीये पर कल्लू ने यह सब जानकारी झबरे की मौजदूगी मंे कुलदीपकजी