अमिताभ और मै (व्यंग्य)

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अमिताभ और मै (व्यंग्य) यूं तो हम हमेशा से ही अमिताभ बच्चन के प्रशंसक रहे है लेकिन उनकी तुलना हमसे........ कहाॅं राजा भोज कहाॅं गंगू तेली । हम गंगू ही सही हमें भी जिंदगी स्टाईल से जीने का शौक रहा है । हमारा क्षेत्र छोटा सा कस्बा ही क्यों न हो, हम भी चर्चा-परिचर्चाओं में रहने के कारण कस्बे के विख्यात-कुख्यात लोगों में शामिल है । इसका फायदा बस इतना ही है कि कस्बे की सड़कों पर हमें कुछ अधिक ही हाथ उठाकर अभिवादन करना पड़ता है । कस्बों में विख्यात-कुख्यात होने के लिये स्थानीय केबल और अखबार वाले बड़ी