मानस के राम (रामकथा) - 35

  • 5.9k
  • 1.7k

‌ मानस के राम भाग 35रावण का दरबारियों से मंत्रणा करनारावण ने मंदोदरी को शांत कराने के लिए अपनी शक्ति का गुणगान किया था। लेकिन मन ही मन वह भी बहुत चिंतित। मंदोदरी के महल से वह सीधे अपने दरबार पहुँचा। उसने वहाँ उपस्थित मंत्रीगणों को सारी बात से अवगत कराया। सब जानकर इंद्रजीत ने कहा,"आश्चर्य की बात है उस साधारण वनवासी राम की सेना लंका के तट तक आ गई।"एक मंत्री ने कहा,"ऐसा लगता है