एक सवाल

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सुमित विग एक कमरे से दीपक की रौशनी बाहर निकल रही थी। उसी कमरे में एक कोने पर किताबों का ढेर जमा हुआ था। किताबें में कुछ साहित्यिक पुस्तकें, राजनीतिक पुस्तकें और कुछ धार्मिक पुस्तकें पड़ी थी। उस कमरे के दरवाजे पर एक कोट टंगा था मटमैला सा। छत पर नज़र जाती तो लगताकि बहुत समय से किसी ने इसे ठीक नहीं किया है और पानी टपक टपक कर खराब हो गयी है। वो कमरा धुल से भरा हुआ था ऐसा लगता था जैसे बहुत सालों बाद किसी ने उस कमरे को खोला हो। दीवार के कोनो में जाले लगे