मां आखिर मां होती है

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नमस्कार मेरे मातृभारती के दोस्तों, आज मैं आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूं, मां की कभी खत्म ना होने वाले प्यार की उसमें अपार स्नेह की ,आई अब कहानी शुरू करते हैं। मनोहर भाई अपनी पत्नी मनोरमा के सहयोग से अच्छा व्यवसाय कर धन उपार्जन कर सुखी संसार चला रहे थे। शादीशुदा जीवन के 2 वर्ष में मनोरमा नेेे एक पुत्र को जन्म दिया, पुत्र का नाम जयेंद्र रखा गया , जयेंद्र वक्त के साथ खेलता कुत्ता बड़ा होता गया, जयेंद्र की कान्हा सी अटखेलियां एवं हरकतें मनोहर मनोहर का दिल