दिल लगाना शायद उतना भी आसान नहीं, किसी से इश्क़ फरमाना वो भी आज के जमाने मे तो बिल्कुल भी आसान नहीं। यहां ज़िंदगियां कब पटरी से नीचे उतार आएं और कब सपने जो अक्सर हम बड़ी जल्दी जल्दी देख लिया करतें हैं और वो भी किसी दूसरे के साथ वो कब कांच की तरह टूट कर बिखर जाएं कुछ पता नही चलता है। पता है सपने जितने बड़े और हसीन होते हैं जिन्हें अगर किसी और के साथ में देखते है वो बड़ी बेरहमी से टूटतें हैं और उनके टूटने पर जितना दर्द होता है उतना ही तेज़ शोर