तीन बैडरूम वाले इस फ्लैट में हम छ: लड़कियाँ बड़े मज़े से अपनी जिंदगी गुज़ार रहीं थीं कि अचानक अंजलि को एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में लम्बे समय के लिए लंदन जाना पड़ा। इत्तफाक ही था कि अंजलि की खाली जगह शीतल ने भर दी थी। शीतल उसी की कम्पनी में कुछ समय पहले ही नियुक्त हुई थी नियमानुसार कम्पनी की व्यवस्था में सीमित समय तक रहने के बाद उसे अपने रहने का प्रबन्ध स्वयं करना था, अंजलि ने ना जाने क्या सोचकर उसे मेरे पास भेज दिया था। उस दिन शनिवार था और घर में मस्ती हो रही थी।