राहुल उस कमरे में बड़ी देर तक यूँ ही पड़ा रहा । इस बीच एक एक कर बच्चे उठते रहे और राहुल उन्हें हकिकत बता कर शांत करता रहा । अब सभी बच्चे अपनी बेहोशी त्याग कर पुरे होशोहवाश में थे । राहुल द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराये जाने की वजह से उनका भय कुछ कम हुआ था और आनेवाले हालात का सामना करने के लिए सभी मानसिक रूप से तैयार हो रहे थे । सभी शांत चित्त लेटे हुए अपने अपने खयाली घोड़े दौड़ा रहे थे । अब आगे जाने क्या होनेवाला था ।लगभग दो घंटे बाद उस घर