थोड़ी देर की चुप्पी के बाद असलम भाई ने कहना जारी रखा ,” जिस तरह से हर काम धंधे के कुछ उसूल होते हैं उसी तरह से गुनाह की दुनिया के भी कुछ उसूल होते हैं । जब हम शिक्षित होने के लिए स्कूल में दाखिला लेते हैं तब या तो पहली कक्षा में दाखिला मिलता है या फिर अगर हमारे पास कोई विशेष योग्यता का प्रमाणपत्र है तो उसके मुताबिक कक्षा में दाखिला मिलता है । वैसेही जुर्म की दुनिया के भी अपने नियम कायदे हैं । अपना पैमाना है लड़कों को परखने का । बहुत कम गुनहगार हैं