सलोनी

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सलोनी बहुत प्यारी सी गुड़िया जैसी बच्ची है और वह अपने दादा-दादी के साथ रहती है , दुर्भाग्यवश उसके माता-पिता कि एक दुर्घटना में मौत हो चुकी है। सलोनी को उसके दादा दादी बड़े नाजों से पालते हैं।दादा दादी में उसकी जान बसती है। हर पल आंखो के सामने देखना चाहते हैं। सलोनी अभी पांच की है पर बातों में सबकी दादी। शैतानी तो उसकी आंखों से झलकती है । रोज सुबह उठकर दादाजी को लेकर सैर को जाती है । और आज भी सलोनी परेशान करने लगी सैर के लिए । सलोनी बोली - दादू चलो ना सैर को। दादाजी