जानवर और चरवाहा

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गाँव से हट कर नदी के किनारे बसा एक छोटा सा घर। उस घर में 'मेर' परिवार रहता है; जिनकी आजीविका खेती-बाड़ी से होती है। खेती-बाड़ी से कमाई उतनी नहीं होती; जितनी की मेहनत। खेतो के चारो तरफ पत्थर की दिवाल बनाई हुई है। फिर भी रात को सूअर और दिन में बंदर और लंगूर नकुशान पहुजाते हैं। हवाई हमले तो होते ही रहते हैं; चिड़ियों का हमला तो आम ही हैं। कहानी ये नहीं है; कहानी तो राजू की है। जो मेर परिवार का इकलौता जिराग है। राजू दसवीं में तीन बार फेल हो चुका है। और उसके दोस्त