ये उन दिनों की बात है - 9

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कामिनी, कामिनी, मैगज़ीन लेकर आई ? मैंने पूछा | हाँ, हाँ, ये देख | कितने अच्छे लग रहे हैं ना!! तू तो ऐसे बोल रही है जैसे................ जैसे? जैसे................ये तेरा वो हो | वो? मतलब? "पति"!! तू भी पता नहीं, क्या-क्या सोचती रहती है, मैं शरमाई | आय!! हाय!! हमारी मैडम शर्मा गई | जिसके बारे में हम बात कर रहे थे ना, वो कुमार गौरव था | जिस फ़िल्मी मैगज़ीन में हम दोनों नज़रें गड़ाए हुए थे, उसमें कुमार गौरव का इंटरव्यू छपा था | मैं एक औसत छात्रा थी | ठीक-ठाक थी पढ़ाई में | हम दोनों चौथी-पांचवी बेंच पर