मूर्ति का रहस्य - 8

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मूर्ति का रहस्य आठ बिस्तर पर पड़े पड़े रमजान सोच रहा था -‘‘चन्दा की वजह से समय का पता ही नहीं चलता था। उसे गाँव पहुँचाया भी या नहीं । क्या पता उसे यही किसी तलघर में कैद कर रखा हो?’’ यदि वह गाँव पहुँच गयी तो उसने अपना काम शुरू कर दिया होगा । लोगों के चिŸा से उसने भय के भूत को निकाल दिया होगा । खड खड़ की आहट हुई। रमजान लगा- ये वही लोहे का दरवाजा खड़क रहा है।‘ वह बिस्तर से उठ कर बैठ गया। उसने देखा, विश्वानाथ त्यागी सीढ़ियों