भवभूति की एक और नाट्य कृति वर्तमान में भवभूति की तीन कृतियाँ उपलब्ध हैं। पहला महावीरचरितम्, दूसरा मालतीमाधवम् तथा तीसरा उत्तररामचितम्। इनके अतिरिक्त ‘भवभूति के नाटक’ डॉ0 ब्रज वल्लभ शर्मा की कृति से शाड़्र्गंधर पद्धति तथा सदुक्तिकर्णामृत में संग्रहीत कुछ सुभाषित पद्य भवभूति के नाम से मिले हैं, जो श्रृंगाररस से परिपूर्ण होने के साथ-साथ पारिवारिक जीवन तथा ग्रामीण जीवन का सुन्दर चित्र अंकित करते हैं। इन्हें भवभूति कृत मानने का आधार यही है कि ये पद्य भवभूति के नाम से शाड़्र्गंधर पद्धति ,सदुक्तिकर्णामृत तथा गदाधर भट्ट रसिक जीवन से उद्धृत किये हैं।