रहस्यमयी टापू--भाग (३)

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रहस्यमयी टापू...!!--भाग(३) मानिक चंद को लग रहा था कि वो कौन सी अजीब जगह आकर फंस गया,जो है नहीं वो दिखता है और जो दिखता है वो है नहीं, समुद्र के किनारे वो यहीं बैठा सोच रहा था।। फिर उसने सोचा ऐसे बैठने से काम चलने वाला नहीं है चलो कुछ करता हूं,तभी यहां से निकल पाऊंगा, तभी उसे दूर पत्थरों के पीछे एक बड़ी सी नाव दिखी, उसने पास जाकर देखा तो अभी नाव की हालत इतनी खराब नहीं थी कुछ ना कुछ मरम्मत करके उसे ठीक किया जा सकता था।। तभी उसे लगा कि दूर चट्टान