आजादी - 12

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विजय ने कहना जारी रखा ” हाँ ! असलम भाई नाम है उनका लेकिन लोग उनको ‘ भाई ‘ कहकर ही बुलाते हैं । हमारी तरह से जितने भी छोटे मोटे जुर्म करनेवाले लोग इस शहर में रहते हैं असलम भाई उनके लिए किसी भगवान से कम नहीं । बाहर की दुनिया वालों की नजर में जितने भी जुर्म और अपराध से जुडी गतिविधियाँ होती हैं सबका संरक्षक अगर कोई है तो वह हैं अपने ‘ असलम भाई ‘ !कहते हैं उनकी किसी केन्द्रीय मंत्री से बहुत ही करीबी कारोबारी रिश्ते हैं इसीलिए यहाँ आसपास के शहरों में से कहीं