कल्पना से वास्तविकता तक:--4 नोट:-- 1.आप सब इस भाग को समझने के लिए पिछले वाले भाग अवश्य पढ़ लें। 2. यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है तथा किसी भी वेज्ञानीक तथ्य की पुष्टि नहीं करती है।दिए गए तथ्य हमारी कल्पना मात्र हैं। (प्यारे पाठकों ग्रमिल की दुनियां में बोली जाने वाली भाषा हिंदी से अलग है लेकिन इस भाग में, हम उसको हिंदी में ही अनुवादित कर लिख रहे हैं ताकि कहानी की सरलता बनी रहे।) धन्यवाद ?। अब आगे ...... नेत्रा ख्यालों में गोते लगाते हुए ग्रमिल के साथ साथ चल रही थी। धीरे धीरे रास्ते