चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 10

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चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 10 जोसफ कॉनराड ने इस बारे में अपने एक दोस्त को लिखा था कि ज़िंदगी ने उन्हें एक कोने में दुबके उस अंधे चूहे में बदल डाला था जिसे बस, दबोचा जाने वाला हो। ऐसी उपमा से हम लोगों की दयनीय ज़िंदगी को बयान किया जा सकता था। इसके बावजूद हम में से कुछ लोगों की किस्मत अच्छी रही और ऐसे भाग्यशाली लोगो में से मैं भी था। मैंने बहुत धंधे किये। मैंने अखबार बेचे, प्रिंटर का काम किया, खिलौने बनाए, ग्लास ब्लोअर का काम किया, डॉक्टर के यहाँ काम किया लेकिन इन