घर में मम्मी थीं नहीं इसलिए मोहित स्कूल बस से पापा की दुकान के पास ही उतर गया। मम्मी ने सुबह ही बता दिया था कि आज वे किट्टी के लिए जाएंगी तो दोपहर को घर में ताला होगा। पार्टी चार बजे खत्म हो जाएगी तो आते समय वे उसे पापा की दुकान से ही लेती आऐंगी। मोहित खुशी- खुशी मान गया। पापा की दुकान जाने का मौका भला कोई छोड़ सकता था। दुकान जाने के नाम से ही उसके मुंह में पानी आ जाता था। रंग बिरंगी और खुशबू से भरी मिठाईयों की दुकान थी उसके पापा की।