मुकम्मल मोहब्बत -26अंतिम किस्त----------------- झील से वापस आने के बाद मेरे साथ क्या हुआ. मुझे नहीं पता. लेकिन, जब मैंने आँखें खोलीं-जोशी आंटी मेरे माथे को अपने नर्म हाथों से सहला रही थी. मुझे ममा की याद आ गई. मैंने गरदन घुमा कर दरवाजे की ओर देखा -ऐनी किसी सभ्रांत आदमी से बात कर रही थी. मुझे आश्चर्य हुआ ऐनी के यहां होने पर. मैंने उठने का प्रयत्न किया. तभी जोशी आंटी स्नेह से बोलीं-"लेटे रहो.अभी डाक्टर ने तुम्हें इंजेक्शन दिया है. तुम्हें आराम की जरूरत है." मेरी आँखें खुली देखकर ऐनी मेरे बैड पर आकर बैठ गई-"यू ओके.""बट,मुझे हुआ