तीसरे लोग - 12

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12. आज फिर खाना खाते ही किसना को जोरों की मतली आई | वह बाथरूम की ओर भागा और जो भी थोड़ा बहुत खाया था, सब वमन कर दिया | पिछले कुछ दिनों से यही सिलसिला चल रहा था | भूख तो बिलकुल मर गई थी | जबरदस्ती कुछ खाने का प्रयत्न भी करता तो पाचन क्रिया लेने से इंकार कर देती | भरा हुआ शरीर शेनै:शनै काठी हुआ जा रहा था और आँखों के नीचे स्याह गड्ढे पद गए थे | ऊर्जारहित शरीर को धम्म से बिस्तर पर छोड़ देता और सांसें फूलने लगती | म्लान, क्लांत और श्रीहीन