"नहीं पापा मेरे बारे में एक बार सोचिए। में क्या करूंगी आपके बिना।" रोते हुई मीरा ने उसके पापा याने मि पटेल के पास जाने की कोशिश की।" नहीं बेटा वहीं रुक जा, वरना आज या तो ये नहीं या तो मे नहीं" हात में पकड़ रखी बंदूक को स्वप्निल की तरफ कर मि पटेल ने मीरा के बढ़ते कदमों को रोक दिया।कुछ समय पहले,अंदमान के एयरपोर्ट पर मीरा, स्वप्निल और समीर अपनी उड़ान के इंतेज़ार में बैठे थे। सुबह हुई बहस में अभी भी मौहोल गर्म था। " कॉफी लेकर आए, यहां बैठकर काफी बोर हो गए है।" समीर ने