ढक्कन

  • 3.8k
  • 1
  • 813

ढक्कन “तुम मंजू दुबे की बेटी हो?” एक अपरिचिता हमारे घर की सीढ़ियों के गलियारे में खड़ी थीं. “हाँ,” कहते हुए मैं अपनी साइकिल गलियारे में ले आयी. “तुम्हारी ममी कहाँ हैं?” गलियारा तंग था और वे मेरे साथ सटने पर मजबूर रहीं. अपरिचिता एक परिचित द्रव्य लगाए थीं. क्या सभी सुगन्धित द्रव्य समरूप गन्ध रखते हैं? अथवा यह मात्र संयोग था कि पिछले महीने माँ ने वैसा ही द्रव्य ख़रीदा था? “तुम्हारी ममी कहाँ हैं?” अपरिचिता की आवाज़ ने ज़ोर पकड़ा. “दिल्ली गयी हैं,” मैंने कहा और अपनी ज़ुबान काट ली. माँ को हवाई अड्डे की बस पर छोड़कर