इंसानियत - एक धर्म - 3

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सिपाही यादव के पकड़ने के बावजूद असलम उसके काबू में नहीं आ रहा था । वह यादव को धकेल कर लगातार आलम पर वार पर वार किये जा रहा था और जब वह उसे मारते मारते थक गया उसके हाथ से डंडा फिसल कर निचे गिर पड़ा । अब उसे अपनी सही स्थिति का भान हुआ । अब तक राखी खुद को संभाल चुकी थी । आलम की गिरफ्त से छूटते ही वह जमीन पर निढाल पड़े रमेश की तरफ भागी थी । अँधेरे में भागते हुए वह किसी पत्थर से ठोकर खाकर गिर पड़ी थी । लेकिन अपने दर्द