यश दरवाज़ा खोलकर बिना कुछ बोले अपनी स्टडी टेबल पर जाकर बैठ जाता है…अविनाश देखता है की यश अभी भी अपनी स्कूल ड्रेस मे ही है, उसकी टाई उसके बेड पर पड़ी है, उसके जूते भी बिखरे पड़े हैँ, उसका स्कूल बैग भी ज़मीन पर पड़ा हुआ है और वो कुछ टेंशन मे है…..अविनाश सिचुएशन को समझते हुए यश से कीच नहीं पूछता सिवाए इसके की…"बेटा! क्या मे अंदर आ सकता हूँ"....यश पीछे मुड़ता है…."अरे आइए ना पापा आप ऐसे क्यों पूछ रहे हैँ"...अविनाश-नहीं मुझे लगा की तुम्हारा बात करने का कोई मन नहीं है शायद...इसलिए पूछा। यश-नहीं नहीं ऐसा कुछ