झंझावात में चिड़िया - 4

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धुआंधार सफलताओं की इस आंधी के बाद प्रकाश का अब एक पैर भारत में और दूसरा विदेश में रहने लगा। उसका दिल कोई भी प्रतियोगिता छोड़ने के लिए तैयार न होता, चाहें राष्ट्रीय हो या अंतरराष्ट्रीय। कहते हैं जब इंसान ज़मीन पर हो तो वो शिखर की ओर उठने का सपना देखता है और जब कुछ ऊंचाई पर पहुंचता है तो शिखर की चोटी पर पहुंचने का। लेकिन चोटी पर पहुंच जाने पर भी इंसान की ख्वाहिशों पर लगाम नहीं लगती। फ़िर वो शिखर पर बने रहने का ख़्वाब देखता है। प्रकाश के कदम भी रुके नहीं। पद्मश्री से सम्मानित