"अरे तुम अभी तक तैयार नहीं हुई? पार्टी बस शुरू ही होने वाली है। सब मेहमान आते ही होंगे।" पार्थ ने कमरे के अंदर आकर अंकिता की तरफ देखते हुए बोला। अंकिता बिना उसकी और मुड़े बस खिड़की के पास रखी कुर्सी पर बैठकर बाहर की तरफ नज़रें टिकाई हुई थी। "अंकिता, क्या हुआ?" पार्थ ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए प्यार से पूछा। अंकिता की आँखें भरी हुई थी। उसने अपना मुँह दूसरी तरफ कर लिया। "अंकिता, तुमने मुझसे वादा किया था ना कि तुम आज बिलकुल नहीं रोओगी। चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ। सब आते