ग्वालियर संभाग के राजनारायण बोहरे की कहानियों में सांस्कृतिक मूल्य डॉ. पदमा शर्मा सहायक प्राध्यापक, हिन्दी शा. श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी (म0 प्र0 -राजनारायण बोहरे की कहानियों में सांस्कृतिक मूल्यः राजनारायण बोहरे ग्राम्य जीवन को उकेरने में सिद्ध हस्त हैं। उनकी पैनी दृष्टि गाँव के रीतिरिवाज, परम्पराएँ एवं ग्राम्य परिवेश को गहराई से देखती चलती है गॉंव के खेत खलिहान, त्यौहार एवं क्रियाकलाप उनके वर्ण्य विषय हैं जो ग्राम्य शब्दों के साथ-गॉंव का सा वातावरण पैदा करने में सक्षम हैं। न सिर्फ ग्राम्य जीवन वार शहरी जीवन को भी उन्होंने बखूबी चित्रित