तार की जाली से घिरा और टीन की चादरों से ढका हुआ एक बहुत बड़ा मुर्गीखाना था. उस के आसपास मकई की खेती थी. थोड़ी दूर से एक पहाड़ी नदी बहती थी. मुर्गीखाने में मुर्गे, मुर्गियां और चूजे थे, जो गिनती में पूरे इक्यानवे थे. उन में से कुछ सफेद थे तो कुछ लाल, भूरे और कुछ काले थे.इन सब का पक्का और खास दोस्त था एक काला कुत्ता. उस के रहते कोई जानवर मुर्गीखाने के पास नहीं फटकता था. परंतु मुर्गियों के ‘कुड़कुड़’ के बेसुरे गीतों से उसे बहुत चिढ़ थी.एक आवारा चूहा, जो नंबरी चोर और चुगलखोर था, सदा