*मैं ही मैं हूं* मैं महान हूं मुझे समझना होगा तुम्हें अपने अभिमान को परे रख मेरी हर बात सुनो तुम तुम क्या हो? मेरे आगे तुम्हारी कोई अस्तित्व नहीं मेरे आगे मेरी धन-वैभव-संपदा को देखो तुम्हारे पास भी होगा सबकुछ किन्तु मेरे जितना नहीं इन प्रसाधन की गुणवत्ता और मात्रा तुमसे कहीं अधिक है मेरे संसाधन आलौकिक है इन्हें साष्टांग प्रणाम करो मेरा घर, घर नहीं एक महल है तुम्हारे पास भी होगा किन्तु मेरे जितना भव्य नहीं तुम्हारी राय का कोई मुल्य नहीं तुम्हारी में कभी नहीं सुनूंगा मेरा ज्ञान सर्वज्ञ है तुम जानते ही कितना हो?