#ठुल_कुड़ी (बड़ा घर) फिर उसने हमेशा कि तरह आमा से चिरौरी की "ठुल कुड़ी" दिखा दो आमा..परसों कॉलेज खुल जायेगा और वो शहर चली जायेगी", कितने सालों से वो चाहती थी कि पहाड़ी गांव के बीचों बीच बने 'रंगूनवालों की कुड़ी' देखने की , दो तल्ले का हवेलीनुमा घर था, जिसे उसके बूबू ने बर्मा में लकड़ी के कारोबार और ठेकों की कमाई से बनवाया था, जिसमें बड़े बड़े लकड़ी के बने झरोंखे , छज्जे खूबसूरत नक्काशी किये हुये थे जो उसे बहुत आकर्षित करते, चॉकलेटी रंग का पेन्ट कभी हुआ होगा उसकी चुगली भर बची थी