गोरा - चिट्टा, गोल - मटोल, आंखों से मुस्कराता सा खड़ा था। पड़ोस की कोठी में काम करने वाली बूढ़ी औरत बोल पड़ी - काला टीका दे दो माथे पर! - अरे नहीं - नहीं! ऊपर से नीचे तक बस वो टीका ही टीका दिखेगा। देखती नहीं, सेमल के फूल सा खिला खड़ा है सफ़ेद रंग में। कहीं खेल - खेल में हाथ लग गया तो पूरे माथे पर फ़ैल जायेगी कालिख। वाशबेसिन साफ करती - करती खड़ी हो गई घर की कामवाली बाई बोली। - खेल - खेल में? अरे खेलने ही तो जा रहा है। उसके चेहरे पर