अक्षयपात्र: अनसुलझा रहस्य(भाग - ५)अनजान स्त्री (सैम से): मैं यहां के राजा मंडूकराज की पुत्री नयनतारा हूं। अगर तुम्हें राजा के सैनिकों ने यहां देख लिया तो वो तुम्हें मौत के घाट उतार देंगे।सैम (विस्मृत सा): मंडूक ? समझा नहीं? क्या तुम एक राजा की बेटी हो? और अगर ' हां ' तो फिर पूल और जकूजी नहीं क्या तुम्हारे महल में?नयनतारा को लगता है कि वो उसकी बातों को सही से समझा नहीं। तो वो एक सूखी पतली लकड़ी लेती है और उस टहनी के द्वारा, धरा पर लकीरों से मंडूक का चित्र उकेरती है।...और उसे इशारे से बताती